Tips to write Patra lekhan in Hindi – पत्र-लेखन in hindi.

Hello, students today we are going to provide tips to write letter in Hindi in your board's exam.

Patra lekhan in Hindi – पत्र-लेखन (Letter-Writing) – Hindi Grammar


पत्र लेखन की परिभाषा और उदाहरण (Patra Lekhan in Hindi) | Letter Writing in Hindi Examples

हमें एक ऐसी व्यावहारिक व्याकरण की पुस्तक की आवश्यकता महसूस हुई जो विद्यार्थियों को हिंदी भाषा का शुद्ध लिखना, पढ़ना, बोलना एवं व्यवहार करना सिखा सके। ‘हिंदी व्याकरण‘ हमने व्याकरण के सिद्धांतों, नियमों व उपनियमों को व्याख्या के माध्यम से अधिकाधिक स्पष्ट, सरल तथा सुबोधक बनाने का प्रयास किया है।

पत्र लेखन की परिभाषा

इसके बिना हमारे पत्र अत्यंत साधारण होंगे। वे किसी को प्रभावित भी नहीं कर पाएँगे और हमारी अल्प-बुद्धि का प्रतीक भी बन जाएंगे। पत्र केवल हमारे कुशल समाचारों के आदान-प्रदान का ही माध्यम नहीं हैं, बल्कि उनके द्वारा आज के वैज्ञानिक युग में संपूर्ण कार्य-व्यापार चलता है। व्यावसायिक क्षेत्र में भी आज पत्रों का महत्त्व बहुत बढ़ता जा रहा है। पत्र-व्यवहार, व्यवसाय का एक अनिवार्य अंग बन गया है, इसलिए पत्र-लेखन में अत्यंत सावधानी रखनी चाहिए। पत्र लिखने तथा उसके आकार-प्रकार की पूरी जानकारी आज के संदर्भ में अत्यंत आवश्यक है।

पत्र लेखन की विशेषताएँ

  1. सरलता-पत्र की भाषा सरल, सीधी, स्वाभाविक तथा स्पष्ट होनी चाहिए। इसमें कठिन शब्द या साहित्यिक भाषा का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए। उलझी हुई, अस्पष्ट तथा जटिल भाषा के प्रयोग से पत्र नीरस और प्रभावहीन बन जाता है।
  2. स्पष्टता-सरल भाषा-शैली, शब्दों का चयन, वाक्य-रचना की सरलता पत्र को प्रभावशाली बनाती है। पत्र में स्पष्टता लाने के लिए अप्रचलित शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
  3. संक्षिप्तता-आज मनुष्य अधिक व्यस्त रहता है, वह पत्र पढ़ने में अधिक समय देना नहीं चाहता, विशेषकर व्यावसायिक-पत्र में। पत्रों में अनावश्यक विस्तार नहीं होना चाहिए।
  4. आकर्षकता-व्यावसायिक-पत्र सुंदर तथा आकर्षक होने चाहिए। लिखते समय स्वच्छता पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
  5. मौलिकता-मौलिकता पत्र की विशेषता होती है, पत्र में घिसे-पिटे वाक्यों के प्रयोग से बचना चाहिए। पत्र-लेखक को पत्र में स्वयं के विषय में कम तथा प्राप्तकर्ता के विषय में अधिक लिखना चाहिए।

पत्र का प्रारूप

1. संबोधन-पत्र प्राप्तकर्ता का पता बाईं ओर लिखा जाता है, अपने संबंध के अनुसार संबोधन शब्द लिखा जाता है:
(क) अपने से बड़े पुरुषों के लिए:
पूज्य, पूजनीय, आदरणीय, माननीय, श्रद्धेय, श्री।

(ख) बड़ी स्त्री के लिए:
पूजनीया, पूज्या, आदरणीया, माननीया।

(ग) विवाहित स्त्री के लिए:
श्रीमती, सौभाग्यवती।

(घ) अविवाहित स्त्री के लिए:
सुश्री।

(ङ) अपने से छोटे के लिए:
प्रिय, प्रियवर, चिरंजीव।

(च) मित्रों के लिए:
प्रिय, प्रियवर, प्यारे, स्नेहिल, मित्रवर।

(छ) सखी के लिए:
प्रिय, प्यारी, स्नेही।

(ज) पुरुष अधिकारी के लिए:
मान्यवर, श्रीमान, महानुभाव, महोदय, आदरणीय, परमादरणीय।

(झ) स्त्री अधिकारी के लिए:
माननीया, आदरणीया, महोदया।

पत्रों के प्रकार

पत्रों को मुख्य रूप से निम्नलिखित श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है:

  1. अनौपचारिक-पत्र
  2. औपचारिक-पत्र।

1.अनौपचारिक-पत्र-जिन व्यक्तियों के साथ हमारे नज़दीकी, घनिष्ठ एवं आत्मीय संबंध होते हैं, उन्हें लिखे गए पत्र अनौपचारिक-पत्र कहलाते हैं। ये व्यक्तिगत पत्र होते हैं और इनकी भाषा भी अनौपचारिक होती है। परिवार के सदस्यों तथा सगे-संबंधियों व मित्रों को लिखे जाने वाले पत्र इसी श्रेणी में आते हैं।
2. औपचारिक-पत्र-सरकारी, गैर-सरकारी तथा अर्धसरकारी, प्रार्थना-पत्र, आवेदन-पत्र, संपादक का पत्र, व्यावसायिक-पत्र आदि औपचारिक-पत्रों के अंतर्गत आते हैं।

                                                                                                                                                        1.अनौपचारिक-पत्र-


अपने छोटे भाई को पत्र लिखिए तथा उसकी पढ़ाई के बारे में जानकारी मांगिए

विजय नगर, सेक्टर – 12, (पत्र भेजने का पता)
इंद्रा कॉलोनी, दिल्ली

मार्च 15, 20… (पत्र भजने की दिनांक)

प्रिय गौरव, (संबोधन)

चिरंजीवी रहो (अभिवादन)

तुम्हारा पत्र मिला तुमने अर्थ वार्षिक परीक्षा में जो अंक प्राप्त किए हैं वह संतोषजनक नहीं है। अब वार्षिक परीक्षा निकट आ रही है। तुम अपनी पढ़ाई के विषय में पूर्ण जानकारी दो।

प्रत्येक विषय में तुम्हारी क्या स्थिति है? कितने अंक पाने की संभावना है, पूरा विवरण दो। पत्र का उत्तर शीघ्र देना। (मुख्य संदेश)

(समापन) तुम्हारा बड़ा भाई

(पत्र भेजने वाले का नाम) बलराम त्रिपाठी

औपचारिक-पत्र

बचत खाता चालू करने हेतु बैंक मैनेजर को प्रार्थना पत्र

सेवा में,

श्रीमान शाखा प्रबंधक,

पंजाब नेशनल बैंक,

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश

विषय:- बंद खाता चालू करवाने के लिए प्रार्थना पत्र

महोदय,

सविनय निवेदन यह है कि मैं साहिल शर्मा आपके बैंक का खाता धारक हूं और मेरा बैंक अकाउंट नंबर 5462 1100 है और पिछले कुछ महीनों से किसी कारणवश बैंक में लेनदेन न होने की वजह से मेरा खाता बंद हो गया है। लेकिन अब मैं पुणे उसी बंद खाता को फिर से चालू करवाना चाहता हूं। अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि मेरे बंद हुए खाता को दोबारा चालू करने की कृपा करें। इसके लिए मैं सदा आपका आभारी रहूंगा।

धन्यवाद

आपका विश्वासी

नाम साहिल शर्मा

अकाउंट नंबर- 5462110

मोबाइल नंबर-967xxxxx


So we hope students that it will help you.

If you like then please share it in your school groups and with your friends.


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